ये जमीं मेरी, मेरा आसमां बड़ा खूबसूरत है जहां...
ये जमीं मेरी, मेरा आसमां
बड़ा खूबसूरत है जहां।
ये जमीं मेरी, मेरा आसमां
बड़ा खूबसूरत है जहां।।
मेरी ज़िंदगी परवाज़ है
वो फ़िज़ा मेरी...मैं उडूँ जहाँ।
मेरी ज़िंदगी परवाज़ है
वो फ़िज़ा मेरी...मैं उडूँ जहाँ।।
ये जमीं मेरी, मेरा आसमां
बड़ा खूबसूरत है जहाँ..
कभी धूप लेप के आसमां
हमने सुनहरे कर लिया।
कभी धूप लेप के आसमां
हमने सुनहरे कर लिया,
फिर धूप बांध के पांव में
हम उड़े हैं ठंडी हवाओं में।।
ये जमीं मेरी, मेरा आसमां
बड़ा खूबसूरत है जहाँ...
कभी वक्त उठा के सरों पे हम
और आग लेके परों पे हम,
कभी वक्त उठा के सरों पे हम
और आग लेके परों पे हम।
कभी छानी खाली खला कहीं
हम उड़े जहाँ पे हवा नहीं।।
ये जमीं मेरी, मेरा आसमां
बड़ा खूबसूरत है जहां...
मेरी ज़िंदगी परवाज़ है,
मेरी ज़िंदगी परवाज़ है
वो फ़िज़ा मेरी मैं उडूँ जहाँ।
ये जमीं मेरी, मेरा आसमां
बड़ा खूबसूरत है जहां...
ये जमीं मेरी, मेरा आसमां
बड़ा खूबसूरत है जहां.....
- Gulzar
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