जिंदा हो तुम ...
दिलों में अपने बेताबियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,
नज़र में ख्वाबों की बिजलियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,
हवा के झोखों के जैसे आज़ाद रहना सीखो,
तुम एक जैसे दरिया लहरों में बहना सीखो,
हर एक लम्हें से तुम मिलो खोले अपनी बाहें,
हर एक पल एक नया शमां देखे ये निगाहें,
जो अपनी आँखों में हैरानियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम...
दिलों में अपनी बेताबियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम....
- फरहान अख्तर
नज़र में ख्वाबों की बिजलियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,
हवा के झोखों के जैसे आज़ाद रहना सीखो,
तुम एक जैसे दरिया लहरों में बहना सीखो,
हर एक लम्हें से तुम मिलो खोले अपनी बाहें,
हर एक पल एक नया शमां देखे ये निगाहें,
जो अपनी आँखों में हैरानियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम...
दिलों में अपनी बेताबियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम....
- फरहान अख्तर
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